करोड़ों की पेयजल  योजना  का लाभ  अभी तक नहीं मिला पंधाना वासियों को-चंद्रशेखर महाजनr Regional Editior ChauthaTantra
करोड़ों की पेयजल  योजना  का लाभ  अभी तक नहीं मिला पंधाना वासियों को

 मध्यप्रदेश की ---   नगर परिषद पंधाना नगरवासियों की प्यास बुझाने में वर्षों बाद भी कारगर साबित नहीं हो सकी ,  जबकि  शासन द्वारा  नगर के लिए₹ 12 करोड़ 25 लाख महती योजना जल आवर्धन योजना में दिए गए थे , जो कि खर्च भी हो गए हैं लेकिन नगर के पन्द्रह वार्डो में पाइप लाइन के जरिए पानी नहीं पहुंचाया जा सका। 

वर्तमान की स्थिति को देखकर नहीं लगता कि घरों में पानी पहुंच पाएगा।यहां यह बताना लाज़मी होगा कि नगरवासियों को पानी के लिए हर रोज तकलीफों का सामना करना पड़ता है, खासकर गर्मी के दिनों में स्थिति और विकराल हो जाती है,इसीलिए एक दशक पहले पी एच ई विभाग द्वारा ६० लाख रूपए नल-जल योजना में खर्च किए गए थे लेकिन, वह कार्य पूरी तरह फ्लाॅप रहा था। शहरवासियों की मांग को देखते हुए फिर एक बार करोड़ों रूपए खर्च किये जा चुके है लेकिन ये योजना भी लापरवाह प्रशासन और ठेकेदार के कारण पानी में डूबता दिख रहा है। इस पर नागरिकों का कहना है कि जब जल संसाधन विभाग की परमिशन पूर्ण रूप से प्राप्त नहीं हुई ,जो इस योजना को शुरूआत से ही फ्लाप साबित कर रही हैं। ठेकेदार की लापरवाही के कारण करोड़ों की योजना फेल होती दिख रही है। इसका मुख्य कारण कार्यस्थल पर उस समय टेक्निकल इंजीनियर का मौजूद ना रहना ,मजदूर और कुछ पेटी कांट्रेक्टर के भरोसे ही इतने बड़े काम को अंजाम दिया गया है, जबकि टेक्निकल इंजीनियर की देखरेख में काम होना चाहिए, गौरतलब हैं कि नगर में फैली पाइप लाईन का लेबल एक जैसा नहीं है ,जमीन के अंदर कही १ फीट गहरीकरण तो कही २ फीट गहरीकरण कर पाइप डाल दिए गए है , कही भी किसी भी जगह पाईप के नीचे बेस नहीं डाला गया ना ही किसी तरह की मजबूती की गई है जिससे की जमीन के अंदर डाली गई पाइप लाइन की सुरक्षा हो सके और वह टूट-फूट से बचाई जा सके ,गड्ढों का लेबल और पाइप का ज्वाइंट भी सही नहीं रखा गया है अनेक स्थानों पर तो देखा गया है कि  पाइप  लाइन नाली के बीच में से निकाल दी गई है  जिससे बरसात में नालियों का पानी तक अवरूध्द हो रहा है ,

नगर के वार्डो में बिछाई गई  पाइप लाइन का ना तो लेबल सही है और ना ही पाइप के ज्वाइंट को देखा जा रहा है । सबसे बड़ी बात तो यह है कि घरो तक के डिलेवरी पाईपो ने दम तक तोड़ दिया है क्योकि जब नीले कलर के डिलेवरी पाईपो को डाला गया तो उन्हें नीचे दबाया नहीं गया वाहनो ने  निकलकर पूरे पाईपो को क्षतिग्रस्त कर दिये है ,

एक बार दुबारा पुरे नगर की लाइनों को खोद कर दुरस्त करना होगी सभी नगर वासियों के घरों तक पानी पहुंचेगा एक बार ढेकेदार ने लाइने डाल दी अब उसमे विवाद की स्थिति भी निर्मित होगी क्योकि लाइने खराब हो चुकी है ,ठेकेदार के कर्मचारियों ने मनमाने ढंग से कार्य को अंजाम दिया है जल आवर्धन योजना के कार्य को देखकर लोगों का यही कहना है कि करोड़ों गए पानी में ?

 नियमानुसार पाइप लाइन बिछाने के साथ ही टेस्टिंग भी होना चाहिए था, लेकिन जिम्मेदारों ने  इसे  उस समय गंभीरता से नहीं लिया जिसका खामियाजा फिर से  भुगतना पड़ सकता है समय रहते टेस्टिंग होने पर इससे लीकेज व अन्य तकनीकी समस्याओं के सामने आने पर तत्काल सुधार किया जा सकता था। 

ढेकेदार द्वारा पंधाना नगर परिषद के 90 प्रतिशत हिस्से में खुदाई कर पाइपलाइन बिछा दी गई है लेकिन टेस्टिंग कही भी नहीं की है। इसे मिट्‌टी डालकर पैक भी कर दिया गया। कही जगहों पर नगर परिषद ने उपर से सड़क निर्माण भी कर दिया है भविष्य में और पंधाना नगर में आगामी दिनों  अनेक सड़को का निर्माण होना ही है , सड़के बनने के बाद टेस्टिंग होगी पाइपलाइनों में आये फाल्ट को दुरस्त करने की लिए फिर से दुबारा बनी हुई सडको को खोदना पड़ेगा |


विभागीय खामियों जनप्रतिनिधियों की खींचतान से रुका काम ----

मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना के तहत करीब  6 साल पहले नगर परिषद द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति 9 करोड़ 46  लाख की तैयार की गई थी। इस पर तकनीकि स्वीकृति ,निविदा लागत 12 करोड़ 25 लाख रुपए की निविदा जारी की गई। इस योजना का कार्य आदेश 06/08/2014 को एक साल में मूर्त रूप देने के साथ जारी किया गया | मगर विभागीय खामियों और जनप्रतिनिधियों की खींचतान के चलते योजना काम शुरू के दो वर्षो में  रुक गया था, सभी अड़चनें खत्म होने के साथ ही काम सन 2016 में शुरू हो गया था नगर तक पानी लाने के काम में नेशनल इंजीनियरिंग कंपनी नागपुर को अभी और कितने महीने या साल लगने वाले है बताये नहीं जा सकते,जो कार्य सबसे पहले होना चाहिए इंटेकवेल जहाँ से पानी नगर में आएगा उसका अभी तक कोई कार्य शुरू नहीं हुआ है, क्या पंधाना नगर परिषद को भगवंत सागर परियोजना से इंटेकवेल बनाने स्वीकृति प्राप्त हो पायी है, अभी तक जिम्मेदार अधिकारी सही जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं वह पंधाना वासियों को क्यों गुमराह कर रहे हैं यह समझ से परे है?


   जानकारी के अनुसार अभी तक मुख्यमंत्री जल आवर्धन योजना में भगवंत सागर ( सुक्ता डेम ) मे इंटेकवेल बनने की जगह फायनल नहीं हो पा रही है ,जल आवर्धन योजना के उक्त कार्य के तहत सबसे पहले वाटर इंटेकवेल का काम होना था जहां से पानी की सप्लाई पूरे नगर में लेकर आनी थी पर इस कार्य को न करके ठेकेदार केवल नगर की सी सी रोड़ गलियों की खुदाई करने में व्यस्त रहा , जिस जगह इंटेकवेल बनेगा वहां तक जाने के लिये ब्रीज का निर्माण भी अत्यावश्यक होगा जब तक सुक्ता डेम में पानी का स्तर कम ना हो तब तक आगामी 6 से 7 महीनो में इंटेकवेल का कार्य नहीं हो सकेगा, जब इंटेकवेल की परमिशन विषय में अशोक जैन मुख्यकार्यपालन अधिकारी जल संसाधन विभाग से जानना चाहा तो जवाब में कहा गया मुझे जानकारी में नहीं है फाइल देखकर जानकारी दुंगा , नगर परिषद सी ऍम ओ मंशाराम बडोले ने बताया की जल संसाधन विभाग से अभी परमिशन नहीं मिली है जल्द ही परमिशन मिल जाएगी!


 

चंद्रशेखर महाजन regional rditior Indore

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