आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं का
काटा गया मानदेय।
कोरोना कॉल में कोरोना योद्धा बनकर स्वास्थ्य विभाग के साथ, कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करने वाली एवं कोरोना काल में भी घर घर जाकर पोषण आहार वितरित करने वाली, शासन की अन्य योजनाओं का सही समय पर कार्य कर देने वाली, मेहनती आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका का मानदेय 1000 से 2000 रूपये तक काट लिए गए हैं। जबकि इन गरीब महिलाओं के पास संकट की परिस्थितियों में घर चलाने का एकमात्र साधन इनका मानदेय ही है।खंडवा शहरी में बिना कारण, बिना बताए ,मानदेय काटा गया।पुनासा एवं खालवा ब्लॉक एवं अन्य ब्लाकों में मानदेय काटा गया । भारतीय मजदूर संघ सम्रद्धआंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ जिला अध्यक्ष अनिता कुल्हारे द्वारा बताया गया कि इसकी शिकायत माननीय मुख्यमंत्री जी को श्री मुरारी लाल जी सोनी कर्मचारी संघ नेता रायसेन के द्वारा की गई। मुख्यमंत्री जी द्वारा कोरोना काल में मानदेय नही काटे जाने का आदेश था ।इसकी भी अवहेलना गई ।जबकि शासन द्वारा आंगनवाड़ी खोलने का समय 15 अक्टूबर को आया है। वह भी साफ ,सफाई एवं पौधों में पानी डालना,सिर्फ 2 घंटे के लिए पर हमारा मानदेय अगस्त, सितंबर का काटा गया है, जबकि इनके पास कुपोषित बच्चे नहीं हैं ,मध्यम के कुछ बच्चे हैं, उनका भी चेकअप स्वास्थ्य विभाग जाकर करा लिया गया है।इनका भीवेतन काटा गया । एवं कोरोना काल में ग्रामीण कार्यकर्ताओ को 9 बजे से 4 बजे तक बैठने के लिए मजबूर किया जा रहा हैं।इस कारण सभी कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त है। यदि मांगों का निराकरण शीघ्र नहीं किया जाता है। तो विगत दिनों में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।